कविता
बीता वक्त गुजरा न आता पीछड़ के
रचनाकार - इंजीनियर पशुपतिनाथ प्रसाद
बुरे फंस गए हम
चमन से बिछड़ के ,
बीता वक्त गुजरा
न आता पीछड के।
जहाँ नहीं विद्या
वहाँ नहीं जायें ,जहाँ न विधायें
वहाँ नहीं खायें ,
जहाँ न कलायें
वहाँ नहीं गायें ,
जहाँ निर्धनता
वहाँ नहीं धायें ,
जहाँ श्रीहीनता
न रहूँ ठहर के ,
बीता वक्त गुजरा
न आना पीछड़ के।
बुरे फंस गए हम
चमन से बिछड़ के ।
इंजीनियर पशुपति नाथ प्रसाद
रोआरी , प चंपारण ,बिहार ,भारत
मोबाइल 6201400759
Email er.pashupati57@gmail.com
My blog URL
Pashupati57.blogspot.com ( इस पर click करके आप मेरी और सभी मेरी रचनाएं पढ़ सकते
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें